नाभि में तेल के फायदे । इन को जानकर दंग रह जायेंगे

Share

क्या आप जाने है “नाभि में तेल के फायदे” नाभि में कई प्रकार का तेल इस्तेमाल किया जाता है। और हर एक तेल के अलग अलग फायदे होते है। ये इस लिए क्यों की नाभी शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जो एक व्यक्ति को कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। कई आवश्यक पहलुओं से शरीर की मालिश करने के अलग-अलग प्रभाव हैं।नाभि पर तेल लगाने के इन फायदो को जानकर दंग रह जायेंगे
नाभि में तेल लगाने की क्रिया को नाभि चिकित्सा या नाभि में तेल लगाने के रूप में जाना जाता है। नाभि में तेल लगाने की प्रक्रिया प्राचीन काल से विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के प्रबंधन के लिए एक पुरानी प्रक्रिया है।

नाभि एक सेतु है जो बच्चे को गर्भ में पाल रहे हैं बच्चे को झुका रहा है; एक ही साथ यह शरीर में विभिन्न अंगों तक पहुंचने वाले कई नसों के लिए एक संयोजी कक्ष है। इसलिए, आयुर्वेद के अनुसार, आवश्यक संकेतों के साथ नाभि की देखभाल और इसे साफ रखने से विभिन्न स्वास्थ्य के प्रबंधन में मदद मिल सकती है।

नाभि चिकित्सा या नाभि चिकित्सा नाभि के अंदर स्थित पेचोटी ग्रंथि के माध्यम से आवश्यक या औषधीय निशान के माध्यम से आवश्यक पदार्थों को अवशोषित करने के लिए नाभि का अभ्यास है।

नाभि चिकित्सा एक विशेष आयुर्वेदिक चिकित्सा है जिसमें कुछ औषधीय वर्णन को नाभि में लागू किया जाता है या कुछ विकार से निपटने के लिए नाभि में जमा किया जाता है।

आइये जानते है ऐसे तेल जिन्हें नाभि पर लगाने से होता है फायदा। नाभि पर विभिन्न प्रकार के तेल लगाने के फायदे।

नाभि में तेल के फायदे : कौन सा तेल लगाने से क्या फायदे

नाभि में तेल के फायदे, आये जानते है कोनसा सा तेल लगा ने से क्या फ़ायदा होता है

1. निम्बू का तेल से नाभि में लगा ने के फायदे

निम्बू का तेल विटामिन्स और मिनरल्स से भरा हुआ हैं। इसके इस्तेमाल से शरीर की कई सारी समस्याओं से मुक्ति मिलती हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी की निम्बू का तेल नाभि पर लगाने से चेहरे के दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता हैं। अगर आपके चेहरे पर दाग-धब्बे हैं तो कृपया अपनी नाभि पर निम्बू का तेल लगाईये, इससे आपको काफी ज्यादा लाभ मिलेगा।

2. सरसों का तेल को नाभि में लगा ने के फायदे

सरसों के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड, ओमेगा-6 फैटी एसिड, विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए इसे स्वास्थ्यवर्धक तेलों में एक माना गया हैं।

यह फटे हुए होंठो को ठीक करने का अच्छा उपाय भी हैं। अगर होंठों के फटने की समस्या हैं तो रात को सोने से पहले नाभि में सरसों के तेल की कुछ बूंदे लगा कर सोना चाहिए।

या फिर रोजाना नहाने के बाद नाभि पर सरसों का तेल लगाने से होंठ सर्दियों के दिनों में भी सॉफ्ट और नमी युक्त बने रहते हैं।

3. मक्खन लगाने से स्किन सॉफ्ट और ग्लोइंग बनती हैं

स्किन को सॉफ्ट और ग्लोइंग बनाने के लिए गाय के दूध से बना मक्खन नाभि पर लगाए। प्रतिदिन गाय के दूध से बने मक्खन को नाभि पर लगाने से स्किन मुलायम एवं कोमल बन जाती हैं।

4. बादाम का तेल भी नाभि पर लगाना चाहिए

बादाम का तेल पोषक तत्वों से भरा हुआ हैं। यह स्किन के लिए काफी ज्यादा लाभकारी होता हैं। इससे स्किन चमकदार बनती हैं। बादाम के तेल को नाभि में लगाने से स्किन ग्लो करने लगती हैं।

अगर बदलते मौसम के कारण चेहरे की रंगत खराब हो गयी हो तो नाभि पर बादाम का तेल लगाने से खोई हुई रंगत वापिस मिल जाती हैं।

5. नीम का तेल पिम्पल दूर करे

नीम का तेल स्किन के लिए फायदेमंद होता हैं। अगर चेहरे पर pimples ज्यादा हो गये हैं तो नाभि पर नीम का तेल लगाना चाहिए। इससे चेहरे के मुहांसे गायब होने लगेंगे और चेहरा चमकदार भी होने लगता हैं।

अगर स्किन में खुजली हो रही हैं और चकत्ते पड़ गये हो नीम का तेल नाभि में लगाने से तुरंत आराम मिलता हैं।

6. नाभि में गुलाब जल लगाने के फायदे

गुलाब जल को नाभि में लगाने से भी डार्क सर्कल्स की समस्या खत्म हो जाती है। ऐसा नियमित रूप से करने से बहुत लाभ होता है। चेहरा भी साफ रहेगा।

अगर आप भी पिंपल्स से परेशान हैं तो रात को गुलाब जल की कुछ बूंदे नाभि में लगाकर सो जाएं। ऐसा नियमित रूप से करने से मुंहासों की समस्या से निजात मिल सकती है।
डार्क सर्कल खत्म होंगे।

नाभि का सीधा संबंध चेहरे से होता है। गुलाब जल की तासीर ठंडी होती है। इसलिए रात को इसे नाभि में लगाकर सो जाएं। इससे सनबर्न से राहत मिलेगी और त्वचा की हीलिंग होगी।

आयुर्वेदिक इंडिया ब्लॉग एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो आयुर्वेद के प्राचीन ज्ञान पर प्रकाश डालता है, जो समग्र स्वास्थ्य, कल्याण और संतुलन में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। इसमें आम तौर पर आहार, योग, ध्यान, हर्बल उपचार और पंचकर्म उपचार सहित आयुर्वेदिक जीवनशैली के विभिन्न पहलुओं पर लेख, सुझाव और मार्गदर्शिकाएँ शामिल हैं। इसका उद्देश्य पाठकों को इष्टतम कल्याण के लिए आयुर्वेदिक सिद्धांतों को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए सशक्त बनाना है।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *