आसानी से पचने-वाले भोज्य पदार्थ कौन से हैं?
क्या आपको आसानी से पचने यानि हजम हो जाने वाली चीजों के बारे में पता है? आसानी से डाइजेस्ट होने वाले फ़ूड के बारे में जानिए।आज हम आपको ऐसे आहार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें खाने से अपच, कब्ज़ और ऐंठन की समस्या दूर हो जाती हैं और कमाल की बात यह हैं की इन खाने वाली चीजों को प्रेगनेंसी पीरियड में भी बिना किसी परेशानी के खाया जा सकता हैं।
list of food items that are easily digestible in hindi
खराब लाइफस्टाइल के चलते आज जंक फ़ूड लोगो की पसंद बन गये हैं। जिससे लोगो को अपच और बदहजमी की समस्या से भी दो-चार होना पड़ता हैं। फ़ास्ट फ़ूड के ज्यादा सेवन से आपके हाजमे पर बुरा असर पड़ता हैं।
इससे आपको दस्त, पेट में सूजन, पेट दर्द, कब्ज़ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जिन्हें पचाने में पाचन तंत्र को ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती हैं और यह खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होते हैं।
आसानी से हजम हो जाने वाले फूड आपके पाचन तंत्र को भी स्वस्थ्य बना देते हैं। ऐसी चीज़े को खाने से डाइजेशन सिस्टम सही तरह से काम करता हैं और उसे अच्छे बैक्टीरिया की भी प्राप्ति होती हैं, जिससे पाचन तंत्र और भी ज्यादा मजबूत बनता हैं।
जिन लोगो का हाजमा हमेशा खराब रहता हैं, उन्हें यह चीज़े जरूर खानी चाहिए। इन्हें आप गर्भावस्था के समय या फिर पेट ख़राब होने पर भी खाया जा सकता हैं।
आसानी से पच जाने वाले खाद्य पदार्थ के नाम
1. हरी पत्तेदार सब्जियां
मेथी, पालक, बथुआ, सेम, बीन्स जैसी सब्जियों में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। जो स्त्रियों के लिए बहुत ही जरूरी हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों को खाने से यह न सिर्फ आसानी से हजम हो जाती है।
बल्कि इससे आपका पेट भी साफ़ रहता हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से विटामिन ए और बी काम्प्लेक्स की कमी को दूर करने में आसानी होती हैं।
2. ब्राउन राइस खाए
ब्राउन राइस में फाइबर ज्यादा मात्रा में पाया जाता हैं, जिससे खून में ख़राब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती हैं। फाइबर की ज्यादा मात्रा होने के कारण ब्राउन राइस पेट की कब्ज़ को दूर करने में भी लाभकारी होता हैं।
वहीँ सफ़ेद चावल को खाने से पेट में कब्ज़ और गैस की समस्या पैदा होती हैं। इसलिए अपनी डाइट में हमेशा ब्राउन राइस का सेवन करना चाहिए। ब्राउन राइस ऐसा चावल हैं जिसे डायबिटीज का मरीज़ भी खा सकता हैं।
दूसरी ओर सफ़ेद चावल में शुगर के मरीजों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक होता हैं। ब्राउन राइस को खाने के बाद इसे पाचन तंत्र बड़ी ही आसानी के साथ पचा लेते हैं।
3. दलिया
दलिया में फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। दलिए को मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और आयरन का बेहतरीन स्रोत माना जाता हैं। दलिया खाने में जितना ज्यादा टेस्टी होता हैं, उससे कंही ज्यादा पौष्टिक होता हैं।
दलिए में अघुलनशील फाइबर पाए जाते हैं जो कब्ज़ को दूर करके डाइजेशन सिस्टम को हेल्दी बनाये रखते हैं। यह पेट के लिए काफी फायदेमंद हैं, इसे खाने से पेट के कैंसर होने का ख़तरा काफी कम हो जाता हैं। दलिए को हजम करना बहुत ही आसान हैं।
4. एवोकाडो
एवोकाडो एक ऐसा फल हैं जिसे पचाना बहुत ज्यादा आसान हैं और यह फल पाचन क्रिया को दुरुस्त भी बनाता हैं। एवोकाडो को आप मैश करके चटनी बना कर खा सकते हैं। आप चाहे तो इस फल को किसी भी तरह से खा सकते हैं, यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद फल हैं।
5. दही
दही पेट के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद आहार हैं। दही में अजवाइन मिला कर खाने से पेट की कब्ज़ दूर होती हैं। पेट की समस्याओं से पीड़ित लोगो को दही जरूर खाना चाहिए।
इसमें गुड बैक्टीरिया होते हैं जो पेट की बिमारियों से छुटकारा दिलाते हैं। पेट में जब अच्छे बैक्टीरिया की कमी हो जाती हैं तो आपको भूख न लगने जैसी पेट से सम्बंधित कई सारी बीमारियाँ होने लगती हैं।
इसलिए इन सभी समस्याओं से बचने के लिए दही का सेवन जरूर करे। दही भी आसानी से डाईजेस्ट हो जाने वाला फ़ूड हैं।
6. चुकंदर
चुकंदर को नियमित रूप से खाने से शरीर में खून की कमी तो दूर होती ही हैं, साथ ही इससे कब्ज़ की समस्या से भी छुटकारा मिलता हैं। चुकंदर को खाने से बवासीर में भी काफी आराम मिलता हैं।
चुकंदर का रस पीलिया, हेपेटाइटिस, मतली और उल्टी के उपचार में काफी मददगार होता हैं। चुकंदर के जूस में एक चम्मच निम्बू का रस मिला कर इन सारी बिमारियों के इलाज के लिए मरीज़ को पिलाया जा सकता हैं।
गैस्ट्रिक अल्सर के इलाज के लिए एक गिलास चुकंदर के रस में एक चम्मच शहद मिला कर सुबह खाली पेट पीजिये। चुकंदर पचने में काफी आसान होता हैं और इसे खाने से पाचन तंत्र मजबूत बनता हैं।
7. शकरकंद
शकरकंद में डाइटरी फाइबर और कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं। शकरकंद को खाने से बॉडी की इम्युनिटी भी बूस्ट होती हैं। आलू के मुकाबले शकरकंद में ज्यादा फाइबर पाया जाता हैं, जो पाचन शक्ति को बढ़ा देता हैं।
इसमें विटामिन सी और बी काम्प्लेक्स, आयरन और फॉस्फोरस आदि भी पाए जाते हैं जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं।
8. सेब
सेब में विटामिन ए, फॉस्फोरस, विटामिन सी, पोटैशियम और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं। इसे खाने से कब्ज़ की समस्या से आराम मिलता हैं। इसमें पेक्टिन होता हैं जो पेट में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाता हैं।
जिससे आँतों को स्वस्थ्य रहने में मदद मिलती हैं। सेब को मासिक धर्म के समय जरूर खाना चाहिए। यह कब्ज़ को दूर करता हैं और इसे पचाना बहुत ज्यादा आसान हैं।
9. केला
इसमें कार्बोहाइड्रेट अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं और यह शरीर में खून की बढ़ोतरी भी करता हैं। कब्ज़ के मरीजों को केला जरूर खाना चाहिए। खाना खाने के बाद केला खाने से खाना आसानी के साथ हजम हो जाता हैं।
10. ओट्स (जई)
यह 65% असंतृप्त फैट (वसा) और 35% लिनोलिक एसिड के साथ वनस्पति फैट (वसा) के उच्चतम अनुपात वाला अनाज है। यह सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे कार्बोहाइड्रेट और खनिजों को आसानी से अवशोषित कर लेता है। साथ ही इसमें कैलोरी भी कम होती है।
पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय
पाचन क्रिया कैसे सुधारे अगर आप जानना चाहते तो पढ़िए ये उपाय
1.पियो: भोजन के दौरान पेय (ड्रिंकबलए आइटम ) को भोजन से अलग करना उचित है। हमें खाने से एक घंटा पहले एक अच्छा गिलास पानी पीना होगा और खाने के बाद तरल पदार्थ लेने के लिए 30 मिनट से 1 घंटे तक इंतजार करना होगा। सब्जी शोरबा या मिसो सूप के साथ भोजन शुरू करना आदर्श है और मिठाई के बजाय पाचन जलसेक ले सकते है।
2. खाद्य पदार्थों का चयन करें: डेयरी, तला हुआ, रासायनिक मिठाई और प्रसंस्कृत और परिष्कृत खाद्य पदार्थ। इन खाद्य पदार्थों को कम करें और आप देखेंगे कि पेट फूलना और “फूला हुआ पेट” गायब हो जाता है।
3. दवाओं का दुरुपयोग न करें: कुछ दवाओं जैसे एस्पिरिन, एंटी-इंफ्लेमेटरी के सेवन से अपच और यहां तक कि गैस्ट्रिक अल्सर भी हो सकता है। यदि आपको दवा लेनी है, तो हमेशा पेट भरकर ही दवाएँ लें।
4. विषाक्त पदार्थों को खत्म करें: तंबाकू, शराब… हमारे पाचन तंत्र के लिए जहरीले पदार्थ हैं।
5. मध्यम शारीरिक व्यायाम का अभ्यास करना उत्कृष्ट है: व्यायाम की अधिकता, इसके विपरीत, बिना ऊर्जा के पाचन को छोड़ सकती है। दरअसल जब हम बहुत मेहनत करते हैं तो हमें भूख भी नहीं लगती है। भूख गायब हो जाती है और जब तक हम ठीक नहीं हो जाते तब तक वापस नहीं आते।
6. सर्दी के संपर्क से बचें: जब पाचन ऊर्जा बहुत कमजोर होती है, तो के भी सर्दी कमी का कारण बन सकती है, जो दस्त, बेचैनी, सूजन आदि जैसे लक्षणों में तब्दील हो जाएगी।