Kamal Kakdi । कमल ककड़ी खाने के फायदे
कमल ककड़ी (Kamal Kakdi ) खाने के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह एक सुपरफूड है जो प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है। सुश्रुत के समय से कमल का प्रयोग होता आ रहा है। कमल के डंठल का इस्तेमाल सर्जिकल प्रक्रियाओं में जांच के रूप में किया जाता था।
आयुर्वेद उपचार में इसके बीज, बीज की फली, पंखुड़ी आदि का उपयोग किया जाता है। प्रसिद्ध आयुर्वेद औषधि अरविंदसव का उपयोग बाल रोगों के उपचार में किया जाता है।
Kamal Kakdi एक पौस्टिक फूड है जो चाइनीज़ कुज़ीन तथा दवाइयों में भी प्रयोग किया जाने वाली सामग्री है। इसमें ढेर सारे पोषण होते हैं, जो मेडिकल की दुनिया के लिये लाभदायक होते हैं।
Kamal Kakdi में विटामिन, मिनरल, पोटैशियम, मैगनीशियम, थाइमीन, जिंक, विटामिन सी, विटामिन बी6, आयरन और ऐसे ही कई पोषक तत्व समाए हुए हैं, जो कई बडे़ बडे़ रोगों को दूर कर सकता है।
Kamal Kakdi को अंग्रेजी में लोटस स्टेम बोलते हैं। इसका अपना ही स्वाद होता है। कई घरों में इससे अचार, चिप्स, पकौडे़ और सूखी सब्जी बनाई जाती है, जो हर किसी को पसंद आती है।
अगर सब्जी मंडी जा कर आप इस सब्जी को देखती हैं मगर खरीदती नहीं, तो आज उसके गुणों के बारे में यहां पर पढ़ लीजिये, जिससे नेक्सट टाइम जब आपको यह बाजार में दिखे तो, इसे एक बार ट्राई जरुर करें। आइये जानते हैं इसके कुछ स्वास्थ्य लाभ –
Kamal Kakdi- कमल ककड़ी खाने के फायदे
1.फाइबर से भरी
इसमें ढेर सारा फाइबर होता है जो शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह कब्जी से बचाता है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।
2.फटी त्वचा को ठीक करे
कमल ककड़ी का रस निकालकर मुंह, हाथ व पैर पर लगाने से वे फटते नहीं हैं तथा चेहरे की सुंदरता बढती है।
3.इम्यून सिस्टम मजबूत बनाए
इसमें ढेर सारा विटामिन सी होता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और संक्रमण से बचाता है। इसको खाने से हड्डियां भी मजबूत बनती हैं।
4.पेशाब की रुकावट होगी दूर
ककड़ी के रस में शक्कर या मिश्री मिलाकर सेवन करने से पेशाब की रुकावट दूर होती है।
5. आपकी त्वचा और बालों के लिए अच्छा है
कमल की जड़ों में विटामिन बी और सी की मौजूदगी आपकी त्वचा पर सही चमक लाने और बालों को मुलायम बनाने में मदद करती है। विटामिन सी शरीर में कोलेजन उत्पादन को उत्तेजित करता है जो त्वचा की मजबूती के लिए जिम्मेदार होता है।
6.खून बनाए
इसमें भारी मात्रा में आयरन, मैगनीशियम, कॉपर, पोटैशियम, जिंक और मैगनीशियम पाया जाता है, जो रेड बल्ड सेल्स बनाने का काम जोरों से करते हैं। इससे मासपेशियां मजबूत होती हैं और खून बनता है।
7.अस्थमा को शांत करे
यह फेफड़ों से जुड़ी समस्या को भी दूर करती है और अस्थमा से मुक्ती दिलाती है। कच्ची ककड़ी के जूस या फिर घिसी कमल ककड़ी को खाने से tuberculosis से छुटकारा मिल सकता है।
8. यह वजन घटाने को बढ़ावा देता है
इसमें न केवल कम कैलोरी होती है, बल्कि आहार फाइबर से भरपूर शक्ति होती है जो आपको लंबे समय तक भरा रखती है। इस तरह आपको दिन भर कम भूख लगती है और इसलिए, वसायुक्त भोजन खाने में कटौती करें। इसके अलावा, यह आपके पाचन तंत्र को उत्तेजित करने में मदद करता है, जिससे वजन घटाने में भी मदद मिलती है।
9.आंखों और बालों के लिये अच्छी
इसमें ढेर सारी मात्रा में कॉपर होता है जो कि बालों और आंखों के लिये अच्छा हेाता है। अगर बालों में कॉपर की कमी है तो बाल ग्रे होना शुरु हो जाएंगें।
10. जल प्रतिधारण को रोकता है
कमल की जड़ों में अत्यधिक पोटेशियम सामग्री अतिरिक्त सोडियम को अवशोषित करती है और मूत्र के उत्पादन को बढ़ाती है। इस प्रकार, जड़ें अतिरिक्त जल प्रतिधारण को रोकने में मदद करती हैं।
कमल की जड़ों में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स होता है, जिसमें पाइरिडोक्सिन नामक एक यौगिक होता है। यह यौगिक मस्तिष्क में तंत्रिका रिसेप्टर्स के साथ संपर्क करता है, जो तनाव, चिड़चिड़ापन और सिरदर्द को कम करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। मूल रूप से कमल के फूल को उसकी जड़ों से शांति और शांति की शक्ति मिलती है।
12. रक्तचाप को नियंत्रित करता है
कमल की जड़ों में पोटेशियम के महत्वपूर्ण स्तर की उपस्थिति शरीर में तरल पदार्थों के बीच संतुलन सुनिश्चित करती है और अत्यधिक सोडियम को रक्तप्रवाह को प्रभावित करने से रोकती है। यह रक्त वाहिकाओं को आराम देता है और आगे संकुचन और कठोरता को रोकता है, जिससे रक्त परिसंचरण बढ़ता है। कमल की जड़ों में मौजूद आयरन रक्त संचार को सुचारू करने में भी मदद करता है।
13. यह पाचन को बढ़ाता है
कमल काकड़ी में उच्च मात्रा में आहार फाइबर होता है, जो पाचन को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह गैस्ट्रिक रस के स्राव के माध्यम से पोषक तत्वों के अवशोषण को सुनिश्चित करते हुए कब्ज में सहायता करता है और आसान और चिकनी मल त्याग की सुविधा के लिए आंतों की मांसपेशियों में क्रमाकुंचन (आंतों के संकुचन) गति को उत्तेजित करता है।
ध्यान दें
कई लोग कमल ककड़ी (Kamal Kakdi) को कच्चा खाना पसंद करते हैं, जिससे उन्हें बैक्टीरियल इंफेक्शन या फिर शरीर में पैरासाइट पहुंचने का डर हो सकता है। कमल ककड़ी को हमेशा पूरी तरह से पका कर ही खाना चाहिये।